शरारत – कहानी
शरारत – कहानी
राकेश हंस के परिवार में कुल आठ सदस्य थे | राकेश उनकी पत्नी निहारिका , दो बच्चे प्रिया और सुमित के अलावा उनके माता-पिता , छोटा भाई दिनेश व उसकी पत्नी रश्मि | राकेश पैसे से एक फोटोग्राफर है उसके इस काम में उसका छोटा भाई दिनेश भी हाथ बंटाता है | दिनेश की अभी – अभी शादी हुई है | परिवार खुशहाल जिंदगी बिता रहा है | राकेश और दिनेश के माता-पिता ने पहले ही अपनी आय से बचत करके मकान बनवा दिया था ताकि बच्चों के भविष्य में कोई दिक्कत ना हो | नीचे वाले फ्लोर पर राकेश और ऊपर वाले फ्लोर में दिनेश रहता है | प्रिया कक्षा आठवीं में पढ़ रही है जबकि सुमित कक्षा छठवीं में | प्रिया शांत स्वभाव की लड़की है साथ ही पढ़ाई में भी बहुत अच्छी है जबकि दूसरी और सुमित बचपन से ही शरारती है | दिन भर शरारतें करना उसकी रोज की आदत है | कमरे में क्रिकेट खेलना और कमरे का बल्ब तोड़ देना तो कभी क्रिकेट बॉल से कमरे में प्रैक्टिस करना और छोटे-मोटे सामान तोड़ देना | एक दिन सुमित ने क्रिकेट बॉल से अपने घर का टीवी तोड़ दिया था पर घर के लोगों ने उसे बच्चा कर छोड़ दिया जब कभी सुमित अपनी बहन प्रिया के साथ कॉलोनी के गार्डन में खेलने जाता तो वहां किसी की साइकिल की हवा निकाल देता तो किसी की फुटबॉल पंचर कर देता | शरारतों में उसे बहुत मजा आता था | एक बार तो उसने अपनी दीदी की कुर्सी पीछे से हटा दी थी जिससे उसकी बहन प्रिया की कमर में फैक्चर हो गया था और उसे एक महीने अस्पताल में रहना पड़ा था | घर में चाची के आने से अब सुमित को एक और दोस्त मिल गया था शरारत करने के लिए | सुमित की चाची का लाड़ – प्यार करना भी सुमित की शरारतों को बढ़ावा दे रहा था | चाची घर में नयी – नयी आई थी इसलिए वो ना चाहते हुए भी सुमित की शरारतों हो अनदेखा कर दिया करती थी| सुमित के बारे में एक बात और थी जो घर के सभी लोगों को पता थी कि सुमित को जब भी कोई डांट देता तो वह उसे अपने दिल पर से बात कर ले लिया करता था और उसका बदला अपनी शरारतों के माध्यम से लिया करता था | एक दिन सुमित अपनी बहन प्रिया के साथ कॉलोनी के गार्डन में खेलने के लिए गया | क्रिकेट खेलते समय किसी बात को लेकर उसका विशाल से झगड़ा हो गया उसके घर के पास ही रहने वाले मिश्रा जी का बेटा था | झगड़े में विशाल ने सुमित को बैट उसके सिर पर दे मारा जिससे सुमित के सिर से खून बह निकला | एक हफ्ते बाद सुमित ठीक तो हो गया लेकिन विशाल को लेकर उसके दिमाग में उठापटक चल रही थी | एक दिन मिश्रा जी के घर में कोई पार्टी थी | पास के सभी पड़ोसी इस पार्टी में शामिल होने आए | पार्टी के बीच ही सुमित ने विशाल के कान में कुछ कहा फिर वे दोनों विशाल के घर की छत पर चले गए | घर के लोग पार्टी में व्यस्त थे किसी को इस बात का पता नहीं चला | छत पर जाकर दोनों लुका – छिपी का खेल खेलने लगे | अब छुपने की बारी विशाल की थी सो वह छत पर पानी की टंकी के पीछे छुप गया | सुमित ने विशाल को पानी की टंकी के पीछे छिपते हुए देख लिया और टंकी की दूसरी ओर से जाकर विशाल को धक्का दे दिया | विशाल सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ नीचे आ गिरा उसके हाथ में फैक्चर हो गया था यह सब देख सुमित घबरा गया | और रोते – रोते पार्टी वाली जगह पर जा पहुंचा | सुमित की माँ ने उससे पूछा तो उसने विशाल को धक्का देने की बात कबूली और कहा कि विशाल छत पर घायल पड़ा है | सभी छत की ओर भागे | विशाल बेहोश पड़ा था | सब उसे उठाकर अस्पताल ले गए | अस्पताल में डॉक्टर ने बताया कि विशाल को सिर पर चोट लगने की वजह से वह कोमा में है | यह सब सुन सुमित की मां बेहोश हो गई और सुमित के पिता का भी बुरा हाल था | मिश्रा जी और उनकी पत्नी का भी बुरा हाल था | सुमित के माता – पिता मिश्रा जी और उनकी उनकी पत्नी से आंखें नहीं मिला पा रहे थे | उन्हें सुमित की इस शरारत नागवार गुजर रही थी | उन्होंने मिश्रा जी से कहा कि वे चाहें तो सुमित के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं | यह सुन सुमित बुरी तरह से घबरा गया और मिश्रा जी व उनकी पत्नी के पैरों पर गिर कर माफी मांगने लगा | मिश्रा जी व उनकी पत्नी ने साफ-साफ कह दिया कि यदि एक दिन के भीतर यदि विशाल कोमा से बाहर नहीं आता तो वे सुमित के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा देंगे | सुमित के माता-पिता अपने बेटे सुमित की इस शरारत पर शर्मसार थे | और भगवान् से बार – बार प्रार्थना कर रहे थे कि विशाल जल्दी ठीक हो जाए | अगले दिन पुलिस सुमित के घर आ पहुंची सुमित को पकड़कर ले गयी | किसी ने भी सुमित पर दया नहीं दिखाई | सुमित को पूरा एक दिन एक कमरे में पुलिस ने बंद कर रखा | सुमित की हालत बहुत खराब हो गई थी उसे अपने किए पर पछतावा हो रहा था वह बार-बार प्रार्थना कर रहा था कि विशाल ठीक हो जाए | और साथ ही यह भी कह रहा था कि मैं आगे से कोई शरारत नहीं करूंगा और ना ही किसी के साथ झगड़ा करूंगा | अगले दिन सुमित के माता-पिता सुमित को लेने के लिए पुलिस के पास पहुंचे | उन्होंने पुलिस वालों को कुछ पैसे दिए और कुछ कागज पर हस्ताक्षर कर किया और सुमित को घर ले आए | घर आने पर सुमित को बताया गया कि विशाल को होश आ गया है यह सुन सुमित बहुत खुश हुआ और अपने माता-पिता से जिद करने लगा कि उसे विशाल से मिलना है | सुमित , विशाल से मिलकर उससे माफी मांगने लगा | विशाल ने भी सुमित से पिछली घटने के लिए माफ़ी मांगी | कमरे के बाहर सुमित और विशाल के माता-पिता इस बात से खुश थे कि सुमित में यह आश्चर्यजनक परिवर्तन हुआ | इसके लिए उन्होंने विशाल के कोमा जाने की बात और फैक्चर वाली बात को मजबूरी में झूठ बताना पड़ा था | साथ ही झूठमूठ की पुलिस भी बुलानी पड़ी ये पुलिस वाले सब एक थिएटर के कलाकार थे | उनके पास सुमित को सही दिशा दिखाने के लिए कोई और रास्ता नहीं था | ख़ुशी की बात यह थी कि वे इसमें सफल हुए और सुमित में एक सुखद परिवर्तन हुआ | दोनों परिवार खुश थे विशाल भी इस घटना के बाद झगड़े से दूर रहने की बात कहने लगा |
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम मौलिक कहानी सर्व अधिकार सुरक्षित
kashish
14-May-2024 08:57 AM
V nice
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Reena yadav
11-May-2024 01:51 PM
👍👍
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